बुजुर्गों के अनुभव की आत्मा हमेशा जवान रहती है – कमिश्नर डॉ. भार्गव
भारत पेंशनर्स समाज द्वारा पेंशनर्स दिवस पर कार्यक्रम आयोजित
वैज्ञानिक शोधों से कम नहीं है बुजुर्गों का अनुभव – कमिश्नर डॉ. भार्गव
रीवा 17 दिसम्बर 2019. पेंशनर्स दिवस पर कमिश्नर रीवा संभाग डॉ. अशोक कुमार भार्गव के मुख्य आतिथ्य में भारत पेंशनर्स समाज रीवा संभाग द्वारा स्वयंवर विवाह घर में भव्य कार्यक्रम आयोजित किया गया। कमिश्नर डॉ. भार्गव ने कार्यक्रम के पूर्व भारत पेंशनर्स समाज के झंडे का ध्वजारोहण किया। उन्होंने माँ सरस्वती के चित्र के समक्ष दीप प्रज्ज्वलित एवं माल्यार्पण कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। इस अवसर पर उन्होंने स्मारिका का विमोचन किया। उन्होंने 80 वर्ष से अधिक आयु के कुल 54 पेंशनरों को सम्मानित किया। उन्होंने विश्वनाथ प्रसाद पाण्डेय, आरजी सिंह, नरेश प्रताप सिंह, जमींदार सिंह, डॉ. कमालुद्दीन खां, रामवतार गुप्ता, सीएल सिघला, जगन्नाथ प्रसाद मिश्र, सुशीला दुबे आदि को शॉल, श्रीफल, पुस्तक और प्रमाण पत्र प्रदान कर सम्मानित किया। उन्होंने विशेष कार्य करने वाले पेंशनरों को भी सम्मानित किया।
मुख्य अतिथि कमिश्नर डॉ. भार्गव ने सभी पेंशनर्स को पेंशनर्स दिवस की बधाई और शुभकामनाएं देते हुए कहा कि भारतीय परंपरा में बुजुर्गों के प्रति कृतज्ञता और सम्मान प्रकट करना हमारी संस्कृति है। हमारे ऋषि मुनियों ने हमें मातृ देवो भव, पितृ देवो भव की संस्कृति दी है। आज के बदले हुए परिवेश में भौतिक सुख सुविधाओं के लिए नए-नए आविष्कार हो रहे हैं, वहीं नैतिक मूल्यों का क्षरण भी हो रहा है। रिश्तों में दरार आ रही है एवं संयुक्त परिवार विघटित हो रहे हैं। बच्चों को नाना-नानी, दादा-दादी का प्यार दुर्लभ होता जा रहा है। बच्चों को ज्ञान के मंदिरों एवं घर-परिवार में संस्कार नहीं मिल पा रहे हैं। आज हम सब जिंदगी की हकीकत से कुछ गुमशुदा सपनों को ढूढ़ रहे हैं।
कमिश्नर डॉ. भार्गव ने कहा कि जिसने यह शरीर धारण किया है उसे बचपन, युवावस्था और बुढ़ापे का सामना करना ही पड़ता है। दुनिया में कोई भी चीज शाश्वत नहीं है। लेकिन आत्मीयता, करूणा, सहानुभूति, प्यार, मोहब्बत, शाश्वत मूल्य हैं जो हमारे समाज को जिंदा रखे हुए हैं। उन्होंने पेंशनर्स को सुखद, समृद्ध व आनंदमय जीवन की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि बुजुर्गों के अनुभव की पूंजी वैज्ञानिक शोधों से कम नहीं होती। हमारी युवा पीढ़ी बुजुर्गों के प्रति सम्मान करने से दूर होती जा रही है। इसके लिए आत्मावलोकन करने की आवश्यकता है। बुजुर्गों एवं युवा पीढ़ी को बीच का रास्ता निकालने की आवश्यकता है।
कमिश्नर डॉ. भार्गव ने कहा कि शरीर बूढ़ा हो सकता है लेकिन बुजुर्गों के अनुभव की आत्मा हमेशा जवान रहती है। ये हमारी पूंजी है जो अनमोल विरासत है। इसे कहीं से खरीदा या उधार नहीं लिया जा सकता है जो मेहनत लगन, कर्मठता से ही मिलती है। इस अनुभव की पूंजी का लाभ हमारे समाज को मिलना चाहिए। आज हमारे बच्चे मोबाइल, सोशल मीडिया में अपना समय बर्बाद कर अपनी सृजनात्मक एवं रचनात्मक क्षमताओं को खत्म कर रहे हैं। हमारे बच्चे राष्ट्र की धरोहर हैं, खुशबुओं के गुलाब हैं, उनके व्यक्तित्व को विकसित करने का कार्य करना हमारा दायित्व है। चरित्र एवं व्यक्तित्व से ही राष्ट्र महान बनता है। उन्होंने कहा कि ऐसे समय में पेंशनर्स को स्वयं की उपयोगिता साबित करने का प्रयास करना चाहिए
कार्यक्रम में संयुक्त संचालक पेंशन आर के प्रजापति, उप संचालक कमिश्नर कार्यालय सतीश निगम सहित पेंशनर्स समाज के संरक्षक केडी सिंह, अध्यक्ष मंगलेश्वर सिंह, महासचिव रामकृपाल गुप्ता आरके सिंह, नरेन्द्र सिंह, इंजी. एमयू खान आदि पेंशनर्स एवं बैंकिंग संस्थाओं के प्रतिनिधि तथा गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।