रीवा में लगेगी बिरसा मुण्डा की प्रतिमा – बनेगा सामुदायिक भवन – मंत्री श्री मरकाम

आदिवासियों के देव स्थानों का आस्थानम योजना से होगा विकास – मंत्री
आदिवासियों के पसीने से ही बने हैं भवन तथा सड़कें – मंत्री श्री पटेल
रीवा 15 नवम्बर 2019. जन नायक तथा क्रांतिकारी वीर बिरसा मुंडा की जयंती का मुख्य समारोह रीवा के एसएएफ मैदान में आयोजित किया गया। समारोह के मुख्य अतिथि अनुसूचित जनजाति कल्याण मंत्री श्री ओमकार सिंह मरकाम ने कहा कि बिरसा मुंडा ने आदिवासी समाज को नई चेतना दी। उन्होंने अग्रेजों के विरूद्ध सशस्त्र संघर्ष के लिए आदिवासी भाईयों को संगठित किया। अग्रेजों से संघर्ष करते हुये केवल 25 वर्ष की आयु में बिरसा मुंडा शहीद हुये। हमारे आदिवासी भाई संगठित होंगे तभी उनके अधिकार मिलेंगे। समारोह में मंत्री श्री मरकाम ने रीवा में बिरसा मुंडा की भव्य प्रतिमा लगाने तथा 25 लाख रूपये की लागत से आदिवासी समाज के लिए सामुदायिक भवन निर्माण की घोषणा की।
मंत्री श्री मरकाम ने कहा कि हमारी सरकार आदिवासियों के विकास के लिए हर संभव प्रयास करेगी। वनाधिकार अधिनियम के तहत प्रदेश भर में अमान्य किये गये 3.5 लाख जमीन के दावों पर पुनर्विचार किया जा रहा है। हर पात्र आदिवासी को जमीन तथा हर हाल में पक्का घर मिलेगा। मुख्यमंत्री श्री कमलनाथ आदिवासियों के विकास के लिए लगातार अच्छे निर्णय ले रहे हैं। आदिवासियों के स्थानीय देवताओं के देव स्थानों का विकास किया जायेगा। इसके लिए आस्थानम योजना शुरू की जा रही है। इन देव स्थानों में छाया, प्रकाश, पेयजल तथा ठहरने की व्यवस्था की जायेगी। आदिवासी परिवारों के हक की जमीन को खसरे में दर्ज कराया जायेगा।
समारोह में पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री श्री कमलेश्वर पटेल ने कहा कि आदिवासी समाज ने देश के विकास में सबसे बड़ा योगदान दिया है। भवन सड़क सहित हर बड़ा निर्माण कार्य आदिवासी के पसीने की देन है। आदिवासी समाज को संगठित और जागृत करने के लिए भगवान बिरसा मुंडा ने अपने प्राण की बाजी लगा दी। हमारी सरकार आदिवासियों को विभिन्न योजनाओं के माध्यम से आगे बढ़ने का अवसर दे रही है। सरकार ने 100 रूपये में 100 यूनिट बिजली तथा कन्यादान योजना में 51 हजार रूपये की राशि दी है। शिक्षा, स्वरोजगार के लिए भी कई अवसर दिये जा रहे हैं। वृद्धावस्था तथा सामाजिक सुरक्षा पेंशन बढ़ाई गयी है।
समारोह में विधायक ब्यौहारी श्री शरद कोल तथा श्रीमती बसंती देवी कोल ने अपने विचार व्यक्त किये। पूर्व विधायक श्री रामगरीब वनवासी ने आदिवासी समाज के विकास के लिए वनाधिकार के पट्टे देने, कोल को विशेष पिछड़ी जनजाति घोषित करने, सरकारी नौकरी में शरीरिक मापदण्ड में छूट, रीवा में बिरसा मुण्डा की प्रतिमा लगाने तथा हवाई पट्टी का नाम बिरसा मुंडा के नाम पर करने की मांग की।
समारोह में रीवा संभाग के कमिश्नर डॉ. अशोक कुमार भार्गव ने कहा कि महान क्रांतिकारी बिरसा मुण्डा के जन्मदिवस के पावन अवसर पर रीवा में ऐतिहासिक समागम आयोजित किया गया है। इसमें 10 जिलों के आदिवासी भाई-बहनें शामिल हैं। इस मुबारक मौके में सभी का तहे दिल से अभिनंदन करता हूं। आदिवासी समाज देश का ऐसा समाज है जो निष्छलता और सादगी से रहते हुये कठिन से कठिन परिस्थिती का सामना कर लेता है। बिरसा मुंडा ने आदिवासी समाज में चेतना देकर उन्हें अपने अधिकारों के लिए लड़ने की शिक्षा दी। उनका कहना था कि केवल चिरागों से रोशनी नहीं होती शिक्षा से भी रोशनी फैलती है। उन्होंने अदम्य साहस से बलिदान की गाथा गढ़ी। वे हम सब के लिए प्रेरणा स्त्रोत हैं।
कार्यक्रम में आदिवासी लोक गीतों तथा लोक नृत्यों की धूम रही। समारोह में शैला, गूदुम और कोलदहका आदिवासी नृत्यों ने सब का मन मोहा। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि मंत्री श्री मरकाम ने भी कोलदहका में मादल की थाप दी। मंत्री श्री पटेल ने मजीरे बजाकर उनका बखूबी साथ दिया। समारोह में जिला पंचायत अध्यक्ष श्री अभय मिश्रा, राज्य सभा सांसद श्री राजमणि पटेल, त्रियुगीनारायण शुक्ल, सरदार गुरमीत सिंह मंगू, श्रीमती बविता साकेत, श्री सुखेन्द्र सिंह बन्ना, श्रीमती विद्यावती पटेल, श्री मानिक सिंह, श्री सिद्धार्थ तिवारी, श्रीमती कविता पाण्डेय, बृजभूषण शुक्ला अन्य जनप्रतिनिधिगण उपस्थित रहे। समारोह में कलेक्टर ओमप्रकाश श्रीवास्तव, पुलिस अधीक्षक आबिद खान, जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी अर्पित वर्मा, जिला पंचायत तथा जनपद पंचायत के अध्यक्षगण, अधिकारीगण तथा हजारों आदिवासी शामिल रहे।

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