रक्तदान, नेत्रदान तथा देहदान सर्वोत्तम दान हैं – कमिश्नर डॉ. भार्गव
यदि एक प्रतिशत व्यक्ति नेत्रदान कर दें तो देश से अंधत्व मिट जायेगा – डॉ. भार्गव
रीवा 31 अगस्त 2019. श्यामशाह चिकित्सा महाविद्यालय के नेत्र विभाग द्वारा पुरा विद्यार्थियों एवं नेत्र विशेषज्ञों का सम्मेलन चन्द्रलोक होटल रीवा में आयोजित किया गया। सम्मेलन का शुभारंभ रीवा संभाग के कमिश्नर डॉ. अशोक कुमार भार्गव ने किया। इस अवसर पर डॉ. भार्गव ने कहा कि हमारी सनातन संस्कृति में दान की परंपरा रही है। रक्तदान, नेत्रदान और देहदान असाधारण कार्य हैं। इनका दान करने वाले समाज की बहुत बड़ी सेवा कर रहे हैं। यदि एक प्रतिशत व्यक्ति नेत्रदान कर दें तो पूरे देश से अंधत्व मिट जायेगा। विभिन्न कारणों से दस हजार में से 9 बच्चे नेत्र रोगों से पीड़ित होते हैं। समय पर उपचार सुविधा मिलने से इनका जीवन रोशन हो सकता है। इसके लिए नेत्रदान तथा अन्य सुविधाएं आवश्यक हैं।
समारोह में डॉ. भार्गव ने कहा कि हम सब इसलिये सुरक्षित हैं क्योंकि हमारे पास सुंदर दृष्टि और व्यापक चेतना है। नेत्र चिकित्सक तथा नेत्र रोग विशेषज्ञ नेत्र रोगियों के आंखों में रोशनी लाकर सबसे बड़ी समाज सेवा कर रहे हैं। जो देख नहीं पा रहा है उसे इस सुंदर संसार को देखने के लिए दृष्टि मिलना सबसे बड़ी सौगात है। डॉ. भार्गव ने कहा कि नेत्र रोगों से बचाव तथा नेत्रदान के लिए लोगों को जागरूक करने की आवश्यकता है। व्यापक चेतना तथा जागरूकता के अभाव एवं अंधविश्वासों के कारण लोग नेत्रदान नहीं कर पाते हैं। नेत्रदान कैसे कर,ें इसके लिए किससे संपर्क करें तथा सुरक्षित नेत्रदान कैसे होता है इसकी जानकारी का लोगों में अभाव है। इसलिए चाहकर भी कई लोग नेत्रदान नहीं कर पाते हैं।
डॉ. भार्गव ने कहा कि नेत्रदान के प्रति लोगों को जागरूक करने तथा मिथ्या धारणाओं को मिटाने के लिए जन चेतना लाना आवश्यक है। इसके लिए स्वयंसेवी संस्थाओं का भी सहयोग लिया जाय। सभी नेत्र विशेषज्ञ भी समाज को जागरूक करने में योगदान दें। नेत्र विशेषज्ञों के ज्ञान और कुशलता से कई व्यक्तियों को देखने का सुख मिला है। आंखें अपने रूप में हजारों रंग लेकर चलती हैं। इसे सुरक्षित रखने में नेत्र चिकित्सकों का योगदान अनूठा है। सम्मेलन के आयोजन के लिए डॉक्टरों को बधाई देते हुए कमिश्नर डॉ. भार्गव ने कहा कि इस तरह के सम्मेलनों से ज्ञान को सम्मान और नवीन ज्ञान को नई दृष्टि मिलती है।
समारोह में मेडिकल कालेज के डीन पीसी द्विवेदी नेत्र रोग विशेषज्ञ ने कहा कि मेडिकल कालेज रीवा से मेरा 47 वर्षों का नाता है। मेडिकल कालेज के नेत्र विभाग को डॉ. एससी जैन तथा डॉ. श्रीवास्तव के ज्ञान और कुशल नेतृत्व ने असाधारण बनाया है। आज नेत्र विभाग सभी आधुनिक सुविधाओं से युक्त है। उन्होंने नेत्र विभाग के विभागाध्यक्षों तथा इससेे शिक्षा प्राप्त करने वाले नेत्र विशेषज्ञों की उपलब्धियों की चर्चा की। समारोह में ग्वालियर मेडिकल कालेज के प्रोफेसर यूएस तिवारी तथा सेवानिवृत्त अधीक्षक डॉ. सीबी शुक्ला ने मेडिकल कालेज एवं नेत्र विभाग की उपलब्धियों की चर्चा की। समारोह में सतगुरू नेत्र चिकित्सालय चित्रकूट के संचालक डॉ. वीके जैन ने कहा कि मेंरा जन्म सतना में, शिक्षा मेडिकल कालेज रीवा में तथा कर्मभूमि चित्रकूट है। भगवान यदि अगला जन्म देता है तो फिर मुझे सतना में जन्म, रीवा में शिक्षा और चित्रकूट में सेवा का अवसर मिले। समारोह में डॉ. एससी जैन, अधीक्षक डॉ. एपीएस गहरवार तथा प्रोफेसर यूएस तिवारी ने भी विचार व्यक्त किये। अतिथियों का स्वागत नेत्र विभाग की अध्यक्ष डॉ. शशि जैन ने किया। समारोह में नेत्र विशेषज्ञ, नेत्र चिकित्सक श्यामशाह चिकित्सा महाविद्यालय के पुरा छात्र तथा वर्तमान छात्र उपस्थित रहे।
समारोह में हुए सम्मानित – श्यामशाह चिकित्सा महाविद्यालय के नेत्र विभाग द्वारा आयोजित पुरा छात्रों के स्वर्ण जयंती समारोह में नेत्र विशेषज्ञों को शाल, श्रीफल एवं स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया। समारोह में डॉ. एससी जैन, डॉ. पीसी द्विवेदी, डॉ. सीबी शुक्ला तथा डॉ. यूएस तिवारी को सम्मानित किया गया। समारोह में श्यामशाह चिकित्सा महाविद्यालय के नेत्र विभाग की स्मारिका का विमोचन किया गया।