राष्ट्रीय लोक अदालत में 1601 प्रकरणों में 7 करोड़ 33 लाख रूपये के अवार्ड पारित
रीवा 13 जुलाई 2019. जिला एवं सत्र न्यायाधीश अरूण कुमार सिंह ने जिला न्यायालय परिसर में स्थित एडीआर भवन में द्वीप प्रज्ज्वलन कर राष्ट्रीय लोक अदालत का शुभारंभ किया। जिला एवं सत्र न्यायाधीश श्री सिंह ने कहा कि लोक अदालत त्वरित न्याय के क्षेत्र में एक अभिनव पहल है। पक्षकारों को इसका सीधा लाभ मिलता है और दीवानी प्रकरणों में जो कोर्ट फीस लगाई जाती है वह पक्षकारों को वापस कर दी जाती है। प्रकरण की अपील नहीं होती और प्रकरण उसी दिन समाप्त हो जाता है। इसलिए यह आयोजन राष्ट्र के विकास में एक महत्वपूर्ण कदम है। आज आयोजित राष्ट्रीय लोक अदालत में 1601 प्रकरणों में 7 करोड़ 33 लाख 75 हजार 897 रूपये के अवार्ड पारित किये गये।
इस अवसर पर राज्य उपभोक्ता संघ के अध्यक्ष शिवेन्द्र उपाध्याय, उपाध्यक्ष बीडी द्विवेदी, कुटुम्ब न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश रामजी पटेल एवं वाचस्पति मिश्रा, विशेष न्यायाधीश उमेश पांडव, प्रथम अपर जिला न्यायाधीश गिरीश दीक्षित, द्वितीय अतिरिक्त न्यायाधीश मोहम्मद शकील खान, तृतीय अतिरिक्त न्यायाधीश सुधीर सिंह रौठौर, नवम अपर जिला न्यायाधीश नरेन्द्र कुमार गुप्ता, ग्यारहवें अपर जिला न्यायाधीश मुकेश यादव, सीजेएम सुबोध कुमार विश्वकर्मा, जिला रजिस्ट्रार योगीराज पाण्डेय, रामप्रकाश अहिरवार, कमलनाथ जयसिंहपुरे, मयंक कुमार उइके, शशांक सिंह, अनुपम तिवारी, सुश्री रीतिका शर्मा, स्वेता परते, कंचन चौकसे, रेशमा खातून, जिला विधिक सहायता अधिकारी अभय कुमार मिश्रा, डॉ. विवेक द्विवेदी, जितेन्द्र द्विवेदी, यूनियन बैंक ऑफ इण्डिया के भोला प्रसाद गुप्ता, पीके सत्पथी, दीपक सिंह सहित पक्षकार एवं अधिवक्तागण उपस्थित थे।
राष्ट्रीय लोक अदालत में 85 दाण्डिक प्रकरणों में तीन लाख 75 हजार रूपये की समझौता राशि प्रदान की गई। चेक बाउंस के 108 प्रकरणों में एक करोड़ 68 लाख 30 हजार 335 रूपये की समझौता राशि प्रदान की गई। मोटर क्लेम के 131 प्रकरणों में दो करोड़ 63 लाख 24 हजार 949 रूपये की समझौता राशि प्रदान की गई। 47 सिविल प्रकरणों में 34 हजार रूपये, लैंड एक्यूजिशन के तीन प्रकरणों में 16 लाख 19 हजार 949 रूपये, विद्युत के 227 प्रकरणों में 5 लाख 74 हजार 569 रूपये, विद्युत के प्रिलिटिगेशन के 123 प्रकरणों में दस लाख 82 हजार 201 रूपये, बैंक प्रिलिटिगेशन के 474 प्रकरणों में दो करोड़ 54 लाख 43 हजार 465 रूपये, जल कर के 284 प्रिलिटिगेशन प्रकरणों में चार लाख 81 हजार 536 रूपये, अन्य 89 प्रकरणों में 6 लाख 9 हजार 893 रूपये की समझौता राशि प्रदान की गई।