दस्तक अभियान का शत-प्रतिशत लक्ष्य हासिल करें – कमिश्नर डॉ. भार्गव

रीवा 08 जुलाई 2019. कमिश्नर रीवा संभाग डॉ. अशोक कुमार भार्गव की अध्यक्षता में जिला चिकित्सालय में दस्तक अभियान 2019-20 की संभागीय समीक्षा बैठक आयोजित की गई। बैठक में उन्होंने संभाग के समस्त ब्लॉक मेडिकल ऑफीसर्स को निर्देशित करते हुए कहा कि दस्तक अभियान के तहत शत-प्रतिशत लक्ष्य हासिल करें। उन्होंने कहा कि दस्तक अभियान आगामी 20 जुलाई तक जारी रहेगा। अब समय काफी कम बचा है और कार्य अधिक है। इसलिए चाहे कितनी भी विपरीत परिस्थितियां क्यों न हों लक्ष्य शत-प्रतिशत हासिल करें। उन्होंने समस्त बीएमओ को निर्देशित करते हुए कहा कि मेरी अनुमति के बगैर अवकाश पर न जायें। बैठक में उन्होंने अब तक अच्छा कार्य करने वाले बीएमओ की सराहना की एवं कम लक्ष्य हासिल करने वाले बीएमओ पर नाराजगी व्यक्त की। उन्होंने 90 प्रतिशत से अधिक लक्ष्य हासिल करने पर सोहावल, रामपुर नैकिन, मऊगंज एवं जवा बीएमओ की सराहना की। इसी तरह 50 प्रतिशत के करीब लक्ष्य हासिल करने वाले मझगवां, नागौद, रायपुर कर्चुलियान, हनुमना एवं रामपुर बघेलान बीएमओ पर नाराजगी व्यक्त कर शत-प्रतिशत लक्ष्य हासिल करने के निर्देश दिए। उन्होंने उक्त बीएमओ की दो-दो वार्षिक वेतन वृद्धियां रोकने के निर्देश दिए।
कमिश्नर डॉ. भार्गव ने कहा कि बीएमओ समय पर डाटा एंन्ट्री कराना सुनिश्चित करें। जो संविदा डाटा एन्ट्री ऑपरेटर कार्य नहीं करें तो उन्हें सेवा से बर्खास्त करने की कार्यवाही करें। उन्होंने कहा कि अति कुपोषित बच्चों की पहचान कर पोषण पुनर्वास केन्द्रों में भर्ती करायें। कोई भी बच्चा पहचान करने से नहीं छूटे। इस संबंध में उन्होंने नागौद, रामपुर बघेलान, रायपुर कर्चुलियान एवं रामनगर बीएमओ को तेजी से लक्ष्य पूरा करने के निर्देश दिए। उन्होंने शून्य से 5 वर्ष तक के बच्चों के स्वास्थ्य की जांच एवं स्क्रीनिंग करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि बेहतर रणनीति बनाकर हर संभव परिस्थिति में शत-प्रतिशत लक्ष्य हासिल करें।
कमिश्नर डॉ. भार्गव ने बैठक में दस्तक अभियान की विभिन्न गतिविधियों की समीक्षा की। उन्होंने निर्देश दिये कि गतिविधियों के तहत शून्य से पांच वर्ष तक के सभी बच्चों का परिचय प्राप्त करें, बच्चे की बीमारी की जानकारी लें, हाथ धुलाई विधि का प्रदर्शन करायें, बच्चे का तापमान लें, समुचित शिशु एवं बाल आहार आपूर्ति को बढ़ावा देने के विषय में बतायें तथा सांस दर को नापें व जन्मजात विकृति की पहचान करें। इसी प्रकार कुपोषण, खून संबंधी आदि की भी जांच करें। तत्पश्चात आवश्यकतानुसार उपचार कर परामर्श दें और की गई कार्यवाही की पूरी सूची तैयार करें। बैठक में संयुक्त संचालक महिला एवं बाल विकास ऊषा सिंह सोलंकी, उप संचालक स्वास्थ्य डॉ. एनपी पाठक, जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास प्रतिभा पाण्डेय, संभाग के सभी जिलों के सीएमएचओ, जिला टीकाकरण अधिकारी एवं बीएमओ उपस्थित थे।

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