भोपाल केपिटल और इंदौर मेट्रोपॉलिटन एरिया बनाया जायेगा
भोपाल : शुक्रवार, जून 7, 2019
दिल्ली एन.सी.आर. की तरह भोपाल केपिटल एरिया और इंदौर मेट्रोपॉलिटन एरिया बनाया जायेगा। भोपाल केपिटल एरिया में मंडीदीप, औबेदुल्लागंज, सीहोर और इंदौर मेट्रोपॉलिटन एरिया में देवास, पीथमपुर और महू को शामिल किया जायेगा। इस दिशा में विमर्श कर प्लानिंग की जाये। नगरीय विकास एवं आवास मंत्री श्री जयवर्धन सिंह ने यह बात प्रशासन अकादमी में ‘क्वालिटी एश्योरेन्स एण्ड क्वालिटी मॉनिटरिंग फॉर प्रोजेक्ट डिलीवरी’ पर मध्यप्रदेश हाउसिंग बोर्ड की वर्कशॉप में कहीं।
समय-सीमा में गुणवत्ता पूर्ण कार्य करें
श्री सिंह ने कहा कि अगले पाँच वर्ष में हाउसिंग बोर्ड को और मजबूत किया जायेगा। उन्होंने कहा कि बोर्ड समय-सीमा में गुणवत्ता पूर्वक कार्य करे। कम आय वर्ग के उपभोक्ताओं को ध्यान में रखकर भी प्रोजेक्ट बनायें। सभी शहरों में प्राइम लोकेशन को चिन्हित कर रेसीडेन्शियल अथवा कॉमर्शियल प्रोजेक्ट बनायें। श्री सिंह ने कहा कि बोर्ड का प्राफिट बढ़ाने के लिये लांग टर्म प्लान बनायें। उन्होंने कहा कि बोर्ड के कर्मचारियों की मांगों पर सहानुभूति पूर्वक विचार करेंगे।
विश्व की बेस्ट प्रेक्टिसेस को अपनायें
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ने कहा कि देश ही नहीं विश्व की बेस्ट प्रेक्टिसेस को समझे और उसे अपनायें। सरकार की तरफ से बोर्ड को पूरा सहयोग मिलेगा लेकिन सभी प्रोजेक्टस को पूरा करने में कोई कोताही नहीं बरतें। उन्होंने कहा कि निर्माण कार्यों में नई तकनीकों का उपयोग पूर्ण परीक्षण के बाद करें।
प्रमुख सचिव नगरीय विकास एवं आवास श्री संजय दुबे ने कहा कि इस तरह से सोचे कि आप स्वयं ग्राहक हैं, तभी आप अच्छे मकान बना सकेंगे। उन्होंने कहा कि उपभोक्ताओं को समय पर गुणवत्तायुक्त आवास बनाकर दें और उनसे सख्ती से वसूली भी करें। श्री दुबे ने कहा कि क्वालिटी पर पहले दिन से ध्यान दें। उन्होंने कहा कि प्रोजेक्ट की कॉस्ट, टाइमिंग, क्वालिटी और डिलीवरी सुनियोजित होनी चाहिए। श्री दुबे ने कहा कि बोर्ड को प्राइवेट बिल्डर्स की चुनौती से निपटने के लिये बेहतर कार्य करने की जरूरत है।
कमिश्नर हाउसिंग बोर्ड श्रीमती केरोलिन खोंगवार देशमुख ने बताया कि बोर्ड द्वारा अभी तक लगभग 1 लाख 82 हजार मकान बनाये जा चुके है। उन्होंने उम्मीद की कि निर्माणाधीन प्रोजेक्ट को पूरा करने में आने वाली समस्याओं के निराकरण में वर्कशॉप उपयोगी सिद्ध होगी। वर्कशॉप के निष्कर्षों के आधार पर बोर्ड के मेन्युअल में संशोधन किया जायेगा। वर्कशॉप में विषय-विशेषज्ञों ने महत्वपूर्ण सुझाव दिये।