सिंहस्थ में 13 अखाड़ों को 50 किलोवॉट और साधु-संतों को 30 किलोवॉट बिजली नि:शुल्क मिलेगी
नर्मदा का पवित्र जल क्षिप्रा में 16 मार्च को छोड़ा जायेगा
मेला क्षेत्र के 13 अखाड़ों को 50 किलोवॉट तक बिजली नि:शुल्क दी जायेगी। इन अखाड़ों से कनेक्शन चार्ज भी नहीं लिया जायेगा। इसी तरह साधु-संतों को 30 किलोवॉट तक बिजली नि:शुल्क प्रदान की जायेगी। साधु-संतों से कनेक्शन के लिये मात्र 200 रुपये प्रति किलोवॉट का चार्ज लिया जायेगा। प्रमुख सचिव श्री आई.सी.पी. केसरी ने बताया कि सिंहस्थ के दौरान बिजली की उत्तम व्यवस्था होगी। यदि तकनीकी कारण से बिजली जाती है तो जनरेटर का इस्तेमाल किया जायेगा। प्रमुख सचिव ने बताया कि दिसम्बर, 2015 तक ऊर्जा विभाग के सभी स्वीकृत कार्य पूरे कर लिये गये हैं।
प्रमुख सचिव जल-संसाधन विभाग श्री आर.एस. जुलानिया ने बताया कि 16 मार्च तक पवित्र नर्मदा का जल मोक्षदायिनी क्षिप्रा में ट्रायल के तौर पर छोड़ा जायेगा। प्रभारी मंत्री श्री भूपेन्द्र सिंह ने त्रिवेणी घाट से क्षिप्रा नदी के दोनों किनारों पर पेट्रोलिंग का कार्य करवाये जाने के निर्देश दिये। बताया गया कि कान्ह रवाना डायवर्सन के कार्य में जो सड़कें प्रभावित हुई हैं, उनकी मरम्मत ठेकेदार से करवायी जायेगी। प्रमुख सचिव लोक निर्माण श्री प्रमोद अग्रवाल ने बताया कि मेला क्षेत्र की किसी भी सड़क पर पॉलीमर छिड़काव नहीं किया जायेगा। उन्होंने बताया कि यातायात नियंत्रण के लिये बेरीकेट नहीं लगाये जायेंगे, बल्कि अस्थाई स्टापर और रस्सी से यातायात को नियंत्रित किया जायेगा। मेला क्षेत्र में ग्रीन कॉरिडोर की भी व्यवस्था होगी। प्रमुख सचिव पीएचई श्री अश्विनी राय ने बताया कि मेला क्षेत्र की सभी यज्ञ-शाला, अखाड़ा और आधिपत्य लिये गये प्लाटों में पानी सप्लाई शुरू कर दी गयी है। ड्रेनेज सिस्टम बेहतर काम कर
रहा है।
खाद्यान्न वितरण 18 मार्च से
बताया गया कि स्थायी अखाड़ों को 18 मार्च से खाद्यान्न वितरण का कार्य शुरू होगा। मेला अवधि में करीब 5 लाख साधु-संतों को खाद्यान्न प्रदान किया जायेगा। बैठक में तय हुआ कि साधु-संत को गेहूँ की बजाय आटा दिया जायेगा। इसके अलावा नमक, चावल और 50 हजार गैस सिलेण्डर की आपूर्ति की जायेगी।