पशुधन और गौ-शालाओं के विकास में प्रदेश को आत्म-निर्भर बनाने की आवश्यकता: राज्यपाल
पशु चिकित्सा विज्ञान विश्वविद्यालय का पंचम दीक्षांत समारोह संपन्न
भोपाल : गुरूवार, फरवरी 21, 2019
राज्यपाल एवं कुलाधिपति श्रीमती आनन्दीबेन पटेल ने कहा है कि पशुधन और मत्स्य-पालन का प्रदेश के आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण योगदान है । वर्तमान में प्रदेश में गौ-संरक्षण के विशेष प्रयास किये जा रहे हैं। पशुधन और गौ-शालाओं के विकास में प्रदेश को आत्म-निर्भर बनाने के लिये विशेष रूप से कार्य किया जाना चाहिए। श्रीमती पटेल आज जबलपुर में नानाजी देशमुख पशु चिकित्सा विज्ञान विश्वविद्यालय के पंचम दीक्षांत समारोह को संबोधित कर रही थी । समारोह में 504 छात्र-छात्राओं को उपाधि से विभूषित किया गया।
राज्यपाल ने कहा कि यह विश्वविद्यालय, पशुओं के बेहतर स्वास्थ्य, उन्नत नस्ल के विकास, संरक्षण, संवर्धन, सुरक्षा में महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है। उन्होंने कहा कि उन्नत पशुधन से ही ग्रामोदय की कल्पना साकार हो सकती है ।
राज्यपाल ने कहा कि विश्व की दूसरी बड़ी आर्थिक ताकत बनने के लिये आवश्यक है कि हम प्राकृतिक, खनिज संसाधनों, पर्यटन, पशुपालन, मत्स्य-पालन और कृषि सहित हर क्षेत्र में विकास की संभावना तलाशें । उन्होंने कहा कि बकरी और कुक्कुट पालन के क्षेत्र में महिला स्व-सहायता समूहों के माध्यम से व्यवसाय और रोजगार के अवसर बढ़ाये जाना चाहिये। सहकारी समितियों को और अधिक मजबूत और विकसित करने की आवश्यकता है । उन्होंने कहा कि पशुधन उत्पादों के व्यवसायीकरण की जरूरत है । दुग्ध उत्पादन में हमारा देश प्रथम स्थान पर पहुँच गया है । मछली पालन और मुर्गी पालन में भी विश्व में पाँचवें स्थान पर है । खाद्य उत्पादन में आशातीत वृद्धि हुई है, फिर भी कुपोषण से महिलाएँ और बच्चे अधिक पीड़ित हैं । इसलिये भोजन के अपव्यय को रोकना होगा । भोजन की बचत करनी होगी । उन्होंने कहा कि ग्रामीणों, किसानों और पशुपालकों को परिवेश स्वच्छता के महत्व के प्रति जागरूक होना होगा । श्रीमती पटेल ने कहा कि विद्यार्थियों ने विश्वविद्यालय के आचार्यों से जो सीखा है, उसका उपयोग पशुपालकों, ग्रामवासियों और वनवासियों को स्वावलम्बी बनाने में करें।
राज्यपाल ने कहा कि विश्व विद्यालय को प्रथम पेटेन्ट भारत सरकार की बौद्धिक सम्पदा विभाग द्वारा प्रदाय किया गया है । इसके अन्तर्गत क्लोनिंग प्रक्रिया के सरलीकरण के लिये माईक्रो टूल और माइक्रो फ्यूजन सिस्टम विकसित किया गया है। हम सब का दायित्व है कि बालिकाओं को उच्च शिक्षा से जोड़ने के लिये सकारात्मक एवं रचनात्मक माहौल बनाया जाए । राज्यपाल ने सभी उपाधि एवं स्वर्णपदक प्राप्त करने वाले छात्र-छात्राओं को शुभकामनायें-बधाई देते हुये उज्जवल भविष्य की कामना की ।
समारोह में वैज्ञानिक चयन मण्डल नई दिल्ली के अध्यक्ष प्रोफेसर डॉ अनिल कुमार श्रीवास्तव ने कहा कि देश की 68 फीसदी आबादी 35 वर्ष से कम उम्र के युवाओं की हैं। उन्होंने कहा कि देश को स्वर्णिम काल में ले जाने की जिम्मेदारी युवाओं को ही उठानी होगी। उन्होंने कहा कि जनसंख्या वृद्धि और घटते कृषि रकबे की वजह से आहार की कमी से निजात पाने के लिए कार्य-योजना बनाकर दूध, अंडा, मांस आदि का उत्पादन बढ़ाना होगा।
इस मौके पर जवाहरलाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ पी.के. बिसेन, मध्यप्रदेश आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ आर.एस. शर्मा, रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो कपिलदेव मिश्रा, विधि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ बलराज चौहान, पूर्व कुलपति डॉ गोविंद मिश्र, कुलसचिव, प्राध्यापक, सहायक प्राध्यापक तथा छात्र-छात्राएँ मौजूद थे।
राज्यपाल ने कृषि वैज्ञानिक भर्ती बोर्ड नई दिल्ली के अध्यक्ष डॉ अनिल कुमार श्रीवास्तव और पशु चिकित्सा विज्ञान विश्वविद्यालय आणंद एवं कामधेनु विश्वविद्यालय गांधीनगर गुजरात के पूर्व कुलपति डॉ एम.सी. वार्ष्णेय को मानद उपाधि से अंलकृत किया। समारोह के पहले राज्यपाल ने नानाजी देशमुख पशु चिकित्सा विज्ञान विश्वविद्यालय के नवनिर्मित प्रशासनिक भवन का लोकार्पण किया। यहाँ उन्होंने गौ-माता का पूजन भी किया।