मोदी कैबिनेट ने सामान्य आर्थिक रूप से पिछड़े लोगों को 10 फीसदी आरक्षण का फैसला लिया

 सूत्रों की मानें तो केंद्रीय कैबिनेट ने आरक्षण से जुड़ा एक बड़ा फैसला लिया है| कैबिनेट ने आर्थिक रूप से पिछड़े लोगों को 10 फीसदी आरक्षण का फैसला लिया है, जिसकी दशकों से मांग की जा रही थी| उम्मीद है इस मुद्दे से जुड़ा विधेयक सरकार मंगलवार को लोकसभा में पेश कर सकती है|

सामान्य श्रेणी में आने वाले आर्थिक रूप से पिछड़े वर्ग के लिए केंद्र सरकार ने एक बड़ा फैसला लिया है| सूत्रों से मिल रही जानकारी के मुताबिक केंद्रीय मंत्रिमंडल ने आर्थिक रूप से पिछड़े वर्ग के लिए नौकरियों और शैक्षणिक संस्थानों में 10 प्रतिशत आरक्षण को मंजूरी दे दी है| सरकार मंगलवार को इस संबंध में संसद में संविधान संशोधन विधेयक ला सकती है|

सूत्रों के मुताबिक 10 फीसदी का ये आरक्षण मौजूदा 49.5 प्रतिशत आरक्षण से अलग होगा| आरक्षण आर्थिक रूप से पिछड़े ऐसे गरीब लोगों को दिया जाएगा, जिन्हें अभी आरक्षण का फायदा नहीं मिल रहा है| फैसले को लागू करने के लिए संविधान के अनुच्छेद 15 और 16 में संशोधन करना होगा| बदलाव के बाद मौजूदा आरक्षण की सीमा 49.5 से बढ़कर 59.5 फीसदी हो जाएगी| सूत्रों के मुताबिक आरक्षण का लाभ उन्हें मिलने की उम्मीद है जिनकी वार्षिक आय आठ लाख रुपये तक होगी और जिसके पास गांव में 5 एकड़ से कम खेती की जमीन है| साथ ही जिनके पास शहर में 1,000 स्क्वायर फीट से कम का घर है| जिनके पास 200 गज से कम की निगम की गैर-अधिसूचित जमीन हो| तमाम राजनीतिक दलों ने फैसले का स्वागत किया है|

आरक्षण की मौजूदा व्यवस्था की बात करें तो सुप्रीम कोर्ट ने आरक्षण की अधिकतम सीमा 50% निर्धारित की है| मौजूदा व्यवस्था के तहत देश में 49.5% आरक्षण लागू है| मौजूदा व्यवस्था में ओबीसी को 27% आरक्षण मिलता है| एससी को मौजूदा व्यवस्था में 15% आरक्षण मिलता है| एसटी को मौजूदा व्यवस्था में 7.5% आरक्षण मिलता है|

गौरतलब है कि दशकों से सवर्ण समुदाय से आरक्षण की मांग उठ रही थी| अब इस फैसले से  जाति धर्म से परे आर्थिक रूप से सभी कमज़ोर लोगों को आरक्षण का फायदा मिलेगा| नए आरक्षण से पुराने आरक्षण के लाभार्थियों को नुकसान नहीं होगा|

 

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