अध्यापक संवर्ग की सेवाओं का संविलियन

प्रदेश के लगभग 2 लाख 37 हजार अध्यापक होंगें लाभांवित
मंत्रि-परिषद के निर्णय

मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में मंत्रि परिषद की बैठक में 224 सामुदायिक और 89 जनजातीय विकासखण्डों में क्रमश: स्कूल शिक्षा और जनजातीय कार्य विभाग की शैक्षणिक संस्थाओं में कार्यरत अध्यापक संवर्ग की सेवाओं को शिक्षा विभाग में संविलियन करने का निर्णय लिया गया।

224 सामुदायिक विकासखण्डों में विभागीय शैक्षणिक संस्थाओं में स्थानीय निकायों के नियंत्रणाधीन नियुक्त और वर्तमान में कार्यरत अध्यापक संवर्ग के सहायक अध्यापक, अध्यापक, वरिष्ठ अध्यापक का शिक्षा विभाग में संविलियन कर इनकी नियुक्ति प्रस्तावित ‘म.प्र राज्य स्कूल शिक्षा सेवा (शैक्षणिक संवर्ग) भर्ती नियम 2018’ के तहत नवगठित सेवा के अधीन क्रमश: प्राथमिक शिक्षक, माध्यमिक शिक्षक, उच्च माध्यमिक शिक्षक के पद पर किया जाएगा। यह सेवा एक जुलाई 2018 से प्रभावशील होगी।

89 विकासखण्डों में जनजातीय कार्य और अनुसूचित जाति कल्याण विभाग की शैक्षणिक और आवासीय संस्थाओं तथा अन्य विकासखण्डों में जनजातीय कार्य और अनुसूचित जाति कल्याण विभाग की संस्थाओं में स्थानीय निकायों के नियंत्रणाधीन नियुक्त एवं वर्तमान में कार्यरत अध्यापक संवर्ग के सहायक अध्यापक, अध्यापक,वरिष्ठ अध्यापक का जनजातीय कार्य विभाग में संविलियन कर इनकी नियुक्ति जनजातीय कार्य विभाग द्वारा सुसंगत नवगठित सेवा नियम के अधीन क्रमश: प्राथमिक शिक्षक, माध्यमिक शिक्षक, उच्च माध्यमिक शिक्षक के पद पर किया जायेगा। यह सेवा एक जुलाई 2018 से प्रभावशील होगी।

म.प्र राज्य स्कूल शिक्षा सेवा  (शैक्षणिक संवर्ग) भर्ती नियम 2018 को अंतिम रूप भी दिया जाएगा। एक जुलाई 2018 से सातवें वेतन आयोग के अनुशंसित वेतनमान का लाभ दिया जाएगा। वर्तमान में सहायक अध्यापक,अध्यापक,वरिष्ठ अध्यापक के लिए स्वीकृत पद संख्या के अनुरूप संबंधित विभागों के प्रस्तावित विभागीय भर्ती नियमों में क्रमश: प्राथमिक शिक्षक, माध्यमिक शिक्षक, उच्च माध्यमिक शिक्षक के पद भी सृजित किये जायेगें।

जनजातीय कार्य विभाग के अंतर्गत 89 विकासखण्डों के स्कूलों में लगभग 53 हजार और स्कूल शिक्षा विभाग के 224 विकासखण्डों में लगभग 1 लाख 84 हजार अध्यापक विद्यालयों में कार्यरत है। इस निर्णय से प्रदेश के लगभग 2 लाख 37 हजार अध्यापक लाभांवित होंगें।

 

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