पेयजल व्यवस्था को दें सर्वोच्च प्राथमिकता – प्रभारी मंत्री श्री राजेंद्र शुक्ल

 

मध्यप्रदेश शासन के खनिज साधन, उद्योग नीति एवं निवेश प्रोत्साहन प्रवासी भारतीय विभाग के मंत्री एवं शहडोल जिले के प्रभारी मंत्री श्री राजेंद्र शुक्ल ने अधिकारियों को निर्देश दिये हैं कि वे पेयजल व्यवस्था को सर्वोच्च प्राथमिकता दें। प्रभारी मंत्री ने लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के अधिकारियो को निर्देशित करते हुये कहा है कि वे ग्रामीण क्षेत्रों का भ्रमण कर खराब हैण्डपंपों को सुधारें तथा नलजल योजनाओं के माध्यम से जिले के ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्र के नागरिकों को समुचित पेयजल उपलब्ध करायें। प्रभारी मंत्री ने कहा है कि शहडोल जिले की कोई भी नलजल योजना बंद नही होना चाहिए तथा हैण्डपंप किसी भी स्थिति में बंद नहीं होना चाहिए। प्रभारी मंत्री ने कहा है कि अधिकारी ग्रामीण क्षेत्रों का भ्रमण करें, बंद हैण्डपंपों एवं नलजल योजनाओं को तत्काल सुधारें तथा लोगों को स्वच्छ एवं शुद्ध पेयजल मुहैया करायें। प्रभारी मंत्री श्री राजेंद्र शुक्ल आज जिला योजना समिति की बैठक में अधिकारियों को निर्देशित कर रहे थे। बैठक में पेयजल व्यवस्था की शिकायत करने पर प्रभारी मंत्री ने पेयजल व्यवस्था की जांच के लिये कमेटी गठित करने के निर्देश दिये तथा कहा कि पेयजल के मामले में किसी प्रकार का समझौता नहीं किया जायेगा। पेयजल व्यवस्था में जो गतिरोध उत्पन्न कर रहे हैं ऐसे अधिकारियों के विरूद्ध सख्त कार्यवाही की जायेगी। बैठक में कार्यपालन यंत्री लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी ने बताया कि शहडोल जिले में 171 नलजल योजनाएं संचालित हैं जिसमें 3 नलजल योजनाएं बंद हैं जिन्हें शीघ्र सुधारा जा रहा है। जिले में 3 नलजल योजनाओं की डीपीआर स्वीकृत हुई है, 6 नलजल योजनाएं सौर्य ऊर्जा सिस्टम पर केन्द्रित हैं जिनका निर्माण भी सुनिश्चित कराया जा रहा है। उन्होने बताया कि शहडोल जिले के आवासीय क्षेत्रों में कनेक्षन देने के प्रयास किये जा रहे हैं। उन्होने बताया कि शहडोल जिले में 45 बसाहटों मे हैण्डपंप खुदवाए जा रहे हैं। जिला योजना समिति की बैठक में प्रभारी मंत्री द्वारा दलकोठार, पथरेठी, सुड़वार में जले ट्रांसफार्मरों को तीन दिवसों की समयावधि में बदलने के निर्देश विद्युत विभाग के अधिकारियों को दिये। बैठक में ग्राम पंचायत बकहो एवं ब्यौहारी में पेयजल व्यवस्था की समीक्षा की गई। बैठक में पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग की संक्षेपिका की चर्चा के दौरान मुख्यमंत्री कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत ने बताया कि शहडोल जिले के 685 ग्रामों में शांतिधामों का निर्माण कार्य किया जा रहा है जिसमें से 364 शांतिधामों का निर्माण कार्य पूर्ण हो चुका है। चर्चा के दौरान सदस्यों का कहना था कि शांतिधामों का निर्माण गुणवत्तापूर्ण हो। बैठक में मुख्यमंत्री कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत ने बताया कि शासन के निर्देशानुसार सभी ग्राम पंचायतों में निर्माण समिति का गठन किया गया है तथा निर्माण समिति की निगरानी में निर्माण कार्यों का निर्माण किया जा रहा है। बैठक में खनिज विभाग की संक्षेपिका पर चर्चा के दौरान जिला खनिज अधिकारी ने बताया कि शहडोल जिले में 11 खनिज खदानें हैं, जिसमें से 6 खनिज खदानें ग्राम पंचायतों के माध्यम से संचालित की गई हैं वहीं 4 खदानों को ठेके पर दिया गया हैं। समीक्षा के दौरान प्रभारी मंत्री श्री राजेंद्र शुक्ल ने निर्देश दिये कि खनिज खदानों में रेत के विदोहन में पारदर्शिता हो। उन्होने कहा कि ग्राम पंचायतों के माध्यम से रेत की बिक्री को प्रोत्साहित किया जाये तथा रेत के अवैध भण्डारण, परिवहन एवं उत्खनन करने वालों के विरूद्ध सख्त कार्यवाही की जाये। वन विभाग की संक्षेपिका पर चर्चा के दौरान प्रभारी मंत्री ने निर्देश दिये कि तेंदूपत्ता संग्राहकों पर वन विभाग द्वारा दर्ज प्रकरणों को 14 अप्रैल को होने वाली वन, पुलिस विभाग एवं जिला प्रशासन की बैठक में रखा जाये तथा उस पर उचित निर्णय लिया जाये। बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि जिला पंचायत सदस्यों पर मनमानेतौर पर प्रकरण दर्ज न किया जाये, पुलिस विभाग द्वारा अनुसंधान के बाद पुख्ता प्रमाण मिलने पर ही किसी प्रकार की कार्यवाही सुनिश्चित की जायें। बैठक में जिला पंचायत अध्यक्ष श्री नरेंद्र मरावी, पूर्व मंत्री एवं विधायक श्री जयसिंह मरावी, विधायक जयसिंहनगर श्रीमती प्रमिला सिंह, कलेक्टर श्री नरेश पाल, पुलिस अधीक्षक श्री सुशांत सक्सेना, अध्यक्ष नगर पालिका श्रीमती उर्मिला कटारे, उपाध्यक्ष जिला पंचायत श्रीमती पूर्णिमा तिवारी, श्री इंद्रजीत सिंह छाबड़ा, जिला पंचायत सदस्य श्री तेजप्रताप सिंह उइके अन्य सदस्य एवं विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।

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