निर्मला सीतारमण बनीं नई रक्षामंत्री, पीयूष गोयल को मिला रेलवे मंत्रालय

मोदी मंत्रिमंडल का बहुप्रतीक्षित विस्तार आज हो गया।

हफ्तों की बैठक और विचार विमर्श के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने नए मंत्रियों का नाम तय किया था।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी कैबिनेट में बड़ा फेरबदल किया है। जिसमें से चार राज्य मंत्रियों को पदोन्नत कर कैबिनेट मंत्री का दर्जा दिया गया। ये चार मंत्री पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री धर्मेद्र प्रधान, विद्युत, कोयला, नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा और खनन मंत्री पीयूष गोयल, वाणिज्य और उद्योग मंत्री निर्मला सीतारमण और अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी हैं। मंत्रियों को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने राष्ट्रपति भवन में शपथ ग्रहण समारोह में पद की शपथ दिलाई। इन चारों मंत्रियों ने प्रधानमंत्री की प्रमुख योजनाओं को अमली जामा पहनाने में प्रमुख भूमिका निभाई।
पीयूष गोयल को रेल और कोयला मंत्रालय का प्रभार मिला है। इससे पहले ऊर्जा मंत्रालय का कामकाज संभाल रहे गोयल ने सरकार की गांवों में बिजली पहुंचाने की योजना के अलावा कई कोयला खदानों की नीलामी कर बेहद चुनौतीपूर्ण काम को समयबद्ध तरीके से निपटाया। राज्य मंत्री रहते हुए बिजली उत्पादन के क्षेत्र में अहम काम किया। चार्टर्ड एकाउंटेंट और कानून की डिग्री लेने वाले पीयूष गोयल को एक ऊर्जावान और कठिन परिश्रम करने वाले मंत्री के रूप में देखा जाता है।
धर्मेंद्र प्रधान को तेल एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय के अलावा कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय का प्रभार मिला। धर्मेंद्र प्रधान ने तेल एवं प्राकृतिक गैस राज्य मंत्री रहते हुए सरकार की गैस सिलेंडर पर सब्सिडी छोड़ने वाली ‘गिव इट अप’ योजना को सफल बनाया। इसके तहत एक करोड़ से ज्यादा लोगों ने गैस सब्सिडी छोड़ी। गरीब परिवारों को मुफ्त में एलपीजी कनेक्शन देने वाली उज्ज्वला योजना भी अच्छी तरह से लागू करवाया। इसके अलावा प्रधान तेल मंत्रालय में लॉबिंग करने वालों का प्रभाव खत्म करने में भी सफल रहे।
निर्मला सीतारमण को रक्षा मंत्रालय का प्रभार दिया गया है। मोदी मंत्रिमंडल में शामिल होने से पहले भाजपा प्रवक्ता के रूप में अपनी पहचान बना चुकी निर्मला सीतारमण ने वाणिज्य राज्य मंत्री के रूप में अच्छा काम किया। जेएनयू से अर्थशास्त्र में एमए और फिर पीएचडी करने वाली सीतारमण ने अभी हाल में डोकलाम विवाद के बीच चीन में ब्रिक्स व्यापार मंत्रियों की बैठक में भारत का बहुत अच्छे तरीके से प्रतिनिधित्व किया।
मुख्तार अब्बास नकवी को अल्पसंख्यक मंत्रालय का प्रभार दिया गया। झारखंड से राज्यसभा सांसद मुख्तार अब्बास नकवी ने संसदीय कार्य राज्य मंत्री के रूप में संसद में सरकार का मजबूत तरीके से बचाव करने के अलावा विपक्ष के साथ तारतम्यता बनाने में अहम भूमिका निभाई। साथ ही उनके पास अल्पसंख्यक मंत्रालय का अतिरिक्त कार्यभार भी था।
इस तरह चार राज्य मंत्रियों के पिछले सालों में किए गए कामों को देखते हुए केंद्रीय मंत्रिमंडल में पदोन्नत किया गया है जो कि प्रधानमंत्री के चार पी- यानि काम के प्रति जुनून, दक्षता, पेशेवराना अंदाज और राजनीतिक कुशलता के चयन के आधार से मेल खाता है।
इसके साथ ही केन्द्रीय मंत्रिमंडल में 9 नये चेहरों को शामिल किया गया है। सरकार के चौथे साल में केन्द्रीय कैबिनेट में ये तीसरा विस्तार है। नये भारत के नये विज़न की झलक कैबिनेट विस्तार में साफ दिखाई दी। इसमें शिव प्रताप शुक्ल उत्तर प्रदेश से राज्यसभा सांसद हैं, उत्तर प्रदेश सरकार में 8 साल तक मंत्री पद संभाल चुके है। गोरखपुर विश्वविद्यालय से एलएलबी की डिग्री हासिल शिव प्रताप यूपी में लगातार 4 बार विधायक रह चुके हैं।
ग्रामीण विकास, शिक्षा और जेल सुधार के लिए किए गए अपने काम के लिए जाने जाते हैं। बिहार के बक्सर लोकसभा सीट से सांसद अश्विनी चौबे को केन्द्रीय कैबिनेट में जगह दी गई है। जेपी आंदोलन में सक्रिय रहे अश्विनी चौबे बिहार से लगातार 5 बार विधायक भी रहे चुके है। मध्य प्रदेश के टीकमगढ़ लोकसभा सीट से सांसद वीरेन्द्र कुमार नये चेहरे के तौर पर कैबिनेट में शामिल किया गया है।
अनुसूचित जाति के लिए वीरेन्द्र सिंह ने काफी काम किया है। साथ ही जे पी आंदोलन में भी उन्होनें सक्रिय रूप से भाग लिया था। कर्नाटक से भाजपा के कद्दावर नेता अनंत कुमार हेगड़े अब केन्द्रीय कैबिनेट का हिस्सा है। कर्नाटक के उत्तर कन्नडा सीट से सांसद हैं। वे लगातार पांच लोकसभा चुनाव जीत चुके है। अनंतकुमार अपने संसदीय कार्यकाल के दौरान कई संसदीय समितियों के सदस्य रहे हैं जिनमें वित्त, गृह, मानव संसाधन, कृषि और विदेश विभाग शामिल है।
बिहार के आरा से पहली बार लोकसभा पहुंचे राजकुमार सिंह ने भी पद व गोपनीयता की शपथ ली। 1975 बैच के बिहार कैडर के आईएएस अधिकारी केन्द्र में गृह सचिव के पद पर रहे चुके है। संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि रह चुके और 1974 बैच के विदेश सेवा अधिकारी हरदीप पुरी को केन्द्रीय कैबिनेट में जगह दी गई है। हरदीप पुरी लंबे वक्त तक विदेश सेवा में रहे हैं।
राजस्थान के जोधपुर से लोकसभा सांसद गजेंद्र सिंह शेखावत को केन्द्रीय कैबिनेट में जगह दी गई है। उत्तर प्रदेश के बागपत से पहली बार लोकसभा पहुंचे सत्यपाल सिंह को केन्द्रीय कैबिनेट में जगह दी गई है। 1980 बैच के महाराष्ट्र कैडर से आईपीएस अधिकारी सत्यपाल सिंह मुंबई के पुलिस आयुक्त भी रह चुके हैं। 1979 बैच के आईएएस अधिकारी अल्फोंस कन्ननथानम को केन्द्रीय कैबिनेट में जगह दी गई। अर्थशास्त्र में किया है एम.ए. कन्ननथानम केरल से निर्दलीय विधायक रह चुके है। रविवार के कैबिनेट विस्तार में शामिल ये नौ चेहरे पहली बार कैबिनेट में शामिल किया गया।
इसमें से हरदीप पुरी और अल्फोंस कन्ननथानम फिलहाल किसी भी सदन के सदस्य नहीं है। जबकि आरके सिंह और सत्यपाल सिंह दोनों ही पहली बार लोकसभा सदस्य बने और दोनों को केन्द्रीय कैबिनेट में जगह दी गई। इन चारों के पास लंबा प्रशासनिक अनुभव है।

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