राजस्व प्रकरण निराकरण विशेष अभियान चलाकर करें – मुख्य सचिव

राजस्व प्रकरण एम.पी. ऑनलाइन कियोस्क के माध्यम से दर्ज हो सकेंगे
आर.सी.एम.एस. पोर्टल में प्रत्येक राजस्व प्रकरण दर्ज करना अनिवार्य

रीवा 04 अगस्त 2017. अब राजस्व प्रकरण एम.पी. ऑनलाइन कियोस्क के माध्यम से भी आर.सी.एम.एस. पोर्टल में दर्ज किये जा सकेंगे । लोक सेवा केन्द्र एवं राजस्व न्यायालय के माध्यम से राजस्व प्रकरण दर्ज करने की व्यवस्था पूर्व की भांति जारी रहेगी। प्रत्येक राजस्व प्रकरण आर.सी. एम.एस. पोर्टल में दर्ज होना अनिवार्य होगा । राजस्व प्रकरणों का निराकरण विशेष अभियान चलाकर किया जायेगा ।

यह निर्णय आज मुख्य सचिव बसंत प्रताप सिंह की अध्यक्षता में रीवा सम्भागीय मुख्यालय में राजस्व प्रकरणों के निराकरण की समीक्षा के लिये आयोजित बैठक में लिया गया । बैठक में प्रमुख सचिव राजस्व अरूण कुमार पाण्डे, प्रमुख सचिव लोक सेवा हरिरंजन राव, राजस्व सचिव पी. नरहरि, सम्भागायुक्त एस.के. पॉल, आयुक्त भू-अभिलेख एम.के. अग्रवाल, आयुक्त राजस्व रजनीश श्रीवास्तव, सम्भाग के जिलों के कलेक्टर्स रीवा कलेक्टर प्रीति मैथिल नायक,सतना कलेक्टर नरेश पांल,सीधी कलेक्टर दिलीप कुमार और सिगरौली कलेक्टर अनुराग चौधरी और अपर आयुक्त मधुकर आग्नेय तथा सम्भाग के सभी अपर कलेक्टर्स अनुविभागीय अधिकारी राजस्व, तहसीलदार और नायब तहसीलदार मौजूद थे।

मुख्य सचिव बी.पी. सिंह ने निर्देश दिये कि सभी राजस्व प्रकरणों को दर्ज कर समय-सीमा में समुचित और गुणवत्तायुक्त निराकरण सुनिश्चित किया जाय । उन्होंने राजस्व प्रकरणों के निराकरण के लिये दो माह की समय-सीमा निर्धारित करते हुये कहा कि दो माह बाद पुन: सम्भाग स्तर पर समीक्षा होगी । प्रकरण लम्बित होंने, आवेदक के साथ अन्याय होने की स्थिति में जिम्मेदार अधिकारी-कर्मचारी के विरूद्ध सख्त कार्रवाई की जायेगी ।
मुख्य सचिव ने कहा कि राजस्व अधिकारी सर्वप्रथम स्वयं अपने राजस्व न्यायालय का निरीक्षण करें । देखे कि कोई भी राजस्व प्रकरण दर्ज होने से या उनके संज्ञान में आने से छूटा तो नहीं है। हर प्रकरण दर्ज हो और निराकृत किया जाय । उन्होंने कहा कि निराकरण का प्रतिशत निकालने और इस आधार पर समीक्षा करने की परम्परा तत्काल प्रभाव से बन्द की जा रही है। अब दर्ज प्रकरण तथा निराकृत प्रकरणों की संख्या देखकर ही रिव्यू होगा । राजस्व न्यायालयों का नियमित निरीक्षण वरिष्ठ और नियंत्रक अधिकारी द्वारा किया जाय। निरीक्षण टीप जारी हो तथा पालन प्रतिवेदन का वरिष्ठ अधिकारी अवलोकन करें ।

बैठक में पाया गया कि रीवा सम्भाग में अपेक्षाकृत अधिक राजस्व प्रकरण दर्ज होते है। अत: रीवा के सम्भागायुक्त कार्यालय में अपर आयुक्त के दो पद होंगे । शहडोल सम्भाग के लिये भी अपर आयुक्त का एक पद निर्मित कर पदस्थापना की जा रही है। मुख्य सचिव ने
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कहा कि पटवारियों, नायब तहसीलदार, तहसीलदार आदि के रिक्त पदों पर शीघ्र भर्तियां की जायेगी। उन्होंने निर्देश दिये कि राजस्व न्यायालय के लिये तथा राजस्व प्रकरणों के कम्प्यूटर में इन्द्राज के लिये करीब 800 डाटा इन्ट्री आपरेटर के पद स्वीकृत किये गये हैं। कलेक्टर तत्काल भर्ती करें । इसी तरह रीडर के रिक्त पद भी भरे जायेंगे । रीडर को प्रशिक्षण भी दिया जायेंगे । मास्टर ट्रेनर्स के लिये प्रशासन अकादमी भोपाल में प्रशिक्षण दिया जायेगा । राजस्व न्यायालयों के पीठासीन अधिकारियों को भी प्रशिक्षण दिया जायेगा ।
मुख्य सचिव ने कहा कि राजस्व न्यायालयों की व्यवस्था सुधार, अधोसंचना विकास के लिये राज्य शासन ने निर्णय लिये हैं। राजस्व प्रकरणों के लिये रिकार्ड रूम बनें तथा रिकार्ड रूम का बेहतर प्रबंधन किया जाय । एक पटवारी हल्का में पांच वर्ष से अधिक समय से पदस्थ पटवारी का तत्काल स्थानान्तरण किया जाय तथा 10 वर्ष से अधिक समय से एक ही पटवारी हल्का में पदस्थ पटवारी का किसी अन्य तहसील में स्थानान्तरण किया जाय । पटवारी बस्ते की जांच नियमित रूप से करायी जाय ।
मुख्य सचिव ने कहा कि राजस्व न्यायालय में प्रकरण के निराकरण के लिये शासन के नियमानुसार आदेश का दिन निश्चित किया जा सकता है। इस दिनांक के पूर्व वकील पक्षकार से लिखित में भी उनका पक्ष न्यायालय में प्राप्त किया जा सकता है।
मुख्य सचिव ने कहा कि राजस्व से संबंधित नामांतरण, सीमांकन बंटवारा और अन्य राजस्व प्रकरणों के निराकरण के लिये अभियान चलाया जायं । डायवर्सन, नजूल और अर्थदण्ड की शत प्रतिशत बसूली की जाय । इनसे संबंधित प्रकरणों का इन्द्राज आर.सी.एम.एस. पोर्टल में अवश्य करें ।
मुख्य सचिव ने निर्देश दिये कि 15 अगस्त से सभी ग्रामों में बी-1 का वाचन किया जाय । राजस्व प्रकरणों के निराकरण की स्थिति से ग्रामीणों को अवगत कराया जायं । इस हेतु ग्राम सभाओं का आयोजन किया जाय । प्रदेश में खसरा-खतौनी तथा नक्शा नि:शुल्क वितरण अभियान चलाया जा रहा है जिसके तहत किसानों को खसरा, खतौनी एवं नक्शा नि:शुल्क मुहैया कराया जायेगा।
मुख्य सचिव ने कहा कि राजस्व न्यायालयों तथा अधीनस्थ न्यायालयों से रिकार्ड तय समय-सीमा में बुलाये जाय । तथा यदि कोई प्रकरण गुम होने की जानकारी मिलती है तो दोषी कर्मचारी के विरूद्ध कार्रवाई की जाय । दो हजार से अधिक आवादी के ग्रामों तथा विस्तारित शहरों में डायवर्सन से संबंधित सर्वे कराया जाय तथा आर्डर जारी होने के पूर्व नियमानुसार राशि शासन के पक्ष में जमा करायी जाय । बसूली की किसी कार्रवाई में आमजन को परेशानी नहीं हो इसका विशेष ध्यान रखा जाय । नजूल सर्वे हो तथा नजूल पट्टे का नवीनीकरण किया जाय ।
प्रमुख सचिव राजस्व अरूण कुमार पाण्डे ने निर्देश दिये कि सीमांकन कार्य के लिये मशीन प्रदान की गयी है। इन मशीनों का शत प्रतिशत उपयोग किया जाय। ये मशीने वर्षा ऋतु में भी शुद्धता के साथ परिणाम दे सकती हैं । संबंधित कर्मचारी तथा पटवारी को मशीन के उपयोग की ट्रेनिंग दी जाय । राजस्व प्रकरणों के निराकरण आदेश को रिकार्ड में आवश्यक रूप से दर्ज किया जाय । सीमांकन प्रकरण का निराकरण पहले आये पहले निराकरण पायें के आधार पर किया जाय ।प्रमुख सचिव अरूण कुमार पाण्डे ने कहा कि

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आवास हीनों को आवास मिले । आवासीय भूमि के पट्टे प्रदान किये जायं । बैठक में राजस्व संबंधी कार्यों नक्शों, रिकार्ड का डिजिटाइजेशन अन्य कार्यों की समीक्षा हुयी ।

प्रमुख सचिव हरिरंजन राव ने कहा कि सी.एम. हेल्पलाइन, लोक सेवा गारन्टी अधिनियम में अधिसूचित सेवाओं का समय-सीमा में निराकरण नहीं होने पर जवाबदार
अधिकारी-कर्मचारी के विरूद्ध कार्रवाई की जाय । उन्होंने कहा कि सी.एम. हेल्पलाइन की शिकायत समुचित निराकरण करने के बाद आवेदक से दूरभाष पर बात की जाय और आवेदक से अनुरोध किया जाय कि यदि वह निराकरण से संतुष्ट है तो वह उसी फोन नम्बर से सी.एम. हेल्पलाइन में बताये कि वह निराकरण से संतुष्ट है। फोर्स क्लोजर समुचित कारण बताकर ही किया जाय। उन्होंने बताया कि हेल्पलाइन के साफ्टवेयर में सुधार किया जा रहा है कि एल-4, 3 आदि में लम्बित शिकायत संबंधित एल-1 एल-2 अधिकारी भी देख सकेंगे । उन्होंने बताया कि प्रत्येक नागरिक राजस्व प्रकरणों की अद्यतन स्थिति को  आसानी से देख सकेगा । प्रत्येक राजस्व पीठासीन अधिकारी को कम्प्यूटर पर बैठकर आर.सी.एम.एस. के डाटा का रिव्यू करना चाहिये। इस पोर्टल पर राजस्व प्रकरण दर्ज नहीं करना अपराधिक कार्य माना जायेगा । उन्होंने कहा कि जनहित में संवेदनशील होकर कार्य करें । पक्षकार को न्याय मिले । प्रदेश का किसान परेशान नहीं होने पाये ध्यान रखे ।
प्रमुख सचिव राजस्व पी.नरहरि ने बताया कि अविवादित नामांतरण, बटवारा आदि प्रकरणों के निराकरण के लिये नवीन व्यवस्था की जायेगी । साफ्टवेयर के माध्यम से संबंधित प्रकरण दर्ज होते ही समय-सीमा में पंचायत को निराकरण करना होगा । यदि वह निराकरण नहीं कर पाती है तो स्वयमेव प्रकरण तहसील में आर.सी.एम.एस. पोर्टल पर स्थानान्तरित हो जावेगा । राजस्व प्रकरण की हर फाइल अब पोर्टल पर उपलब्ध रहेगी । निराकरण में तीव्रता आयेगी । निचली अदालत से फाइल मंगाने में लगने वाला समय बचेगा ।
सम्भागायुक्त एस.के. पॉल ने राजस्व प्रकरणों के निराकरण में उल्लेखनीय प्रगति से अवगत कराया गया । उन्होंने नवाचार की जानकारी दी । राजस्व न्यायालयों के संबंध में बताया । जिला कलेक्टर्स ने भी राजस्व प्रकरण निराकरण की जानकारी दी । मुख्य सचिव ने राजस्व अधिकारियों से रूबरू चर्चा की ।

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