अन्य चुनावों से कम नहीं है स्थानीय निर्वाचन की चुनौतियाँ-श्री परशुराम

स्थानीय निर्वाचन की चुनौतियाँ अन्य निर्वाचनों से कम नहीं हैं। राज्य निर्वाचन आयुक्त श्री आर. परशुराम ने यह बात छठा आम निर्वाचन (नगरपालिका और पंचायत) वर्ष 2019-20 पर ‘मूल्यांकन एवं भावी कदमों का प्रकल्पन’ विषय में आयोजित कार्यशाला में कही।

श्री परशुराम ने कहा कि वर्ष 2019-20 में होने वाले निकायों के आम निर्वाचन की तैयारियों के लिए अभी से प्लानिंग करने की जरूरत है। उन्होंने कहा सुनियोजित प्लानिंग से आगामी निर्वाचन की चुनौतियों का सामना सहजता से किया जा सकेगा। उन्होंने कहा कि आयोग के लिए यह गौरव की बात है कि जम्मू-कश्मीर में हो रहे स्थानीय निर्वाचन के संबंध में मध्यप्रदेश राज्य निर्वाचन आयोग से सलाह ली जा रही है। श्री परशुराम ने कहा कि कार्यशाला में खुलकर सुझाव दें।

सचिव राज्य निर्वाचन आयोग श्रीमती सुनीता त्रिपाठी ने कहा कि एक चुनाव पूरा करवाने के बाद आगामी चुनाव की तैयारी में जुट जाता है। उन्होंने कहा कि पिछले आम निर्वाचन में किये गये कार्यों के मूल्यांकन और आगामी अन्य निर्वाचन की तैयारियों के संबंध में यह कार्यशाला आयोजित की गयी है।

उप सचिव श्री दीपक सक्सेना ने वर्ष 2014-15 में आम निर्वाचन में किए गए नवाचारों और इनके क्रियान्वयन में आयी कठिनाइयों के बारे में बताया उन्होंने निर्वाचन कैलेण्डर, मतदाता सूची पुनरीक्षण में संबंध में भी चर्चा की। कार्यशाला में निर्वाचन नियमों में जिला पंचायत के वार्डों और मतदान केन्द्रों का युक्तियुक्तकरण सहित अन्य विषयों पर भी चर्चा हुई।

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