कष्टहरनाथ मंदिर गुढ़ का 3 करोड़ रुपयों से जीर्णोद्धार कर परिसर को आकर्षक बनाया जायेगा उद्योग मंत्री ने किया भूमि पूजन

कष्टहरनाथ के मुख्य मंदिर का जीर्णोद्धार कर परिसर को सौंदर्यीकरण करते हुए गौशाला का निर्माण कराया जायेगा। साथ ही यहां पेयजल, शौचालय, पार्किंग, मंदिर के परिक्रमा पथ पर पाथ-वे व मंदिर परिसर के पीछे स्थित नदी के किनारे 90 मीटर लम्बाई के घाट का निर्माण होगा। जिससे यह पूरा मंदिर परिसर सुरम्य व आकर्षक दिखने लगेगा। उक्ताशय की बातें उद्योग मंत्री श्री राजेंद्र शुक्ल ने आज 271 लाख रूपये की लागत से मंदिर सौंदर्यीकरण कार्य के भूमिपूजन अवसर पर कही। उन्होंने कहा कि इसके साथ ही भैरव बाबा के मंदिर में डेढ करोड की लागत से व बूढी माता मंदिर में 65 लाख की लागत से सौंदर्यीकरण का कार्य कराया जायेगा।
उद्योग मंत्री ने कहा कि गुढ की धरा में विश्व के सबसे बडे सोलर प्लांटों में से एक प्लांट का लगना कष्टहरनाथ व भैरव बाबा की कृपा से ही संभव हो सका है। इस क्षेत्र के विकास में मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान का विशेष योगदान है। जब पर्यटक सोलर प्लांट को देखने आयेंगे तब वह इन धार्मिक आस्था के केंद्रों में आना भी नहीं भूलेंगे। उद्योग मंत्री ने कहा कि मंदिर के पास स्थित बलरामदास आश्रम का जीर्णोद्धार भी किया जायेगा।
इस अवसर पर सांसद जर्नादन मिश्र ने कहा कि जिले के बडे शहरों के साथ ही कस्बों के विकास के कार्य लगातार हो रहे हैं। साथ ही जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ भी हितग्राहियों को दिलाया जा रहा है। इन्हीं सब कार्यो के कारण मध्यप्रदेश का स्थान देश में सर्वोपरि है।कार्यक्रम में कार्यपालन यंत्री मप्र गृह निर्माण मण्डल एम.के. साहू ने बताया कि शासन के सीएसआर मद से कष्टहरनाथ मंदिर व उससे लगी 9 एकड भूमि में सौंदर्यीकरण कार्य के साथ ही दूकानों का निर्माण, भव्य प्रवेश द्वार व बाउण्ड्रीवाल बनाने का कार्य किया जायेगा।
कार्यक्रम में विंध्य विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष सुभाष सिंह, पूर्व विधायक नागेंद्र सिंह, विंध्य विकास प्राधिकरण की उपाध्यक्ष विमलेश मिश्रा, माया सिंह, नगर पंचायल अध्यक्ष विष्णु प्रकाश मिश्र, राजगोपाल चारी, वरिष्ठ पत्रकार अजय नारायण त्रिपाठी ” अलखू “, सुरेश  त्रिपाठी ,लालबहादुर सिंह, राजेश पाण्डेय, कार्यपालन यंत्री अनुज प्रताप सिंह, सहायक यंत्री संजय अग्रवाल, पार्षद प्रदीप त्रिपाठी, विपुल प्रकाश मिश्र उपस्थित थे। स्वागत उद्बोधन विष्णुप्रकाश मिश्र ने दिया। कार्यक्रम का संचालन डा0 ओमप्रकाश मिश्र ने किया।

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