25 अगस्त को बिजली के न्यायालयीन मुकदमे निपटाने के लिये विशेष लोक-अदालतें

पंजीबद्ध श्रमिकों, कर्मकारों की उपस्थिति में निपटाए जायेंगे बिजली के न्यायालयीन मुकदमे
प्रमुख सचिव ऊर्जा श्री केशरी ने जारी किये विस्तृत निर्देश

राज्य शासन ने संबल योजना और म.प्र. भवन एवं अन्य संन्निर्माण कर्मकार कल्याण मंडल पोर्टल पर पंजीकृत कर्मकारों के विरुद्ध जून 2018 तक दर्ज घरेलू बिजली संबंधी न्यायालयीन प्रकरण वापस लेने के लिये हितग्राहियों की उपस्थिति में आगामी 25 अगस्त को विशेष लोक अदालतें आयोजित की जायेंगी। विशेष लोक अदालतों में पंजीकृत श्रमिकों एवं कर्मकारों के साथ-साथ कृषकों के मुकदमे भी वापस लेने की कार्यवाही सुनिश्चित की जायेगी। प्रमुख सचिव, ऊर्जा श्री आई.सी.पी. केशरी ने विशेष लोक-अदालतें आयोजित करने के बारे में प्रदेश की समस्त विद्युत वितरण कम्पनियों के प्रबंध संचालकों को विस्तृत निर्देश जारी किये हैं।

विद्युत वितरण कम्पनियों से कहा गया है कि मुकदमे वापस लेने की कार्यवाही भारसाधक लोक अभियोजक के माध्यम से सुनिश्चित की जाये। इसके लिये ब्याज की पूर्ण राशि माफ करते हुए सिविल दायित्वों की बकाया राशि पर 50 प्रतिशत की छूट भी विद्युत वितरण कम्पनियों द्वारा दी जाये। मुख्यमंत्री बकाया बिजली बिल माफी स्कीम-2018 के अनुरूप सिविल दायित्व की शेष 50 प्रतिशत राशि का वहन राज्य शासन द्वारा किया जायेगा। सभी मुकदमों में कार्यवाही सुनिश्चित करते हुए विभाग को 50 प्रतिशत सिविल दायित्व की राशि के दावे पूर्ण विवरण के साथ उपलब्ध करवायें।

प्रमुख सचिव श्री केशरी ने निर्देश दिये हैं कि विगत 4 अगस्त को आयोजित वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में हुई चर्चा के अंतर्गत विशेष लोक अदालतों में निपटाये जाने वाले मामलों को सूचीबद्ध किया जाये, ताकि न्यायालय को स्कीम की पृष्ठभूमि से अवगत करवाते हुए आवश्यक जानकारी भेजी जाये। श्री केशरी ने निर्देश दिये हैं कि विद्युत वितरण कम्पनी द्वारा हितग्राहियों को पत्र भेजकर अदालत के आयोजन की सूचना दी जाये, ताकि वे विशेष लोक अदालत में उपस्थित हो सकें। हितग्राहियों की उपस्थिति में ही प्रकरण वापस लेने की कार्यवाही की जायेगी। प्रबंध संचालक, एम.पी. पॉवर मैनेजमेंट कम्पनी लिमिटेड को इस योजना के समुचित एवं शीघ्र क्रियान्वयन तथा मॉनीटरिंग की पूर्ण व्यवस्था का पर्यवेक्षण करने के लिये कहा गया है।

उल्लेखनीय है कि श्रमिकों और कर्मकारों के विरुद्ध विशेष न्यायालयों में वर्तमान में विद्युत अधिनियम-2003 की धारा 135 और 138 के लगभग 20 हजार प्रकरण प्रचलन में है। उच्च न्यायालय की अनुमति के बाद अब इन प्रकरणों के निराकरण के लिये विशेष लोक अदालतें लगायी जायेंगी।

इसी तारतम्य में राज्य शासन द्वारा पंजीकृत श्रमिकों और कर्मकारों के जून 2018 तक के घरेलू संयोजन पर बिजली बिल की समस्त बकाया राशि माफ कर दी गई है। यह कार्यवाही मुख्यमंत्री बकाया बिजली बिल माफी स्कीम-2018 में की गई है। इसके अतिरिक्त, इन हितग्राहियों को जुलाई 2018 के बिल से घरेलू संयोजन पर अधिकतम 200 रुपये प्रति माह के बिजली बिल की सुविधा दी गई है।

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